#काटकर_गैरों_की_टाँगें..
#ख़ुद_लगा_लेते_हैं_लोग..
#इस_शहर_में_इस_कदर_भी..
#कद_बढ़ा_लेते_हैं_लोग..!! ✍️

बेवजह शोर मचाने से सुर्खियां नहीं मिला करती..!
कर्म करोगे तो खामोशियां भी अखबारों में छपेंगी….

#जो_पानी से नहायेगा #वो_सिर्फ #लिबास_बदल सकता है…
लेकिन
#जो_पसीने से नहायेगा #वो_इतिहास_बदल सकता है…!!

बड़ी अजीब है तू ज़िन्दगी
गरीबो को उन महलो के सपने दिखाती है
जिनमे अमीरों को नींद भी नहीं आती है…☘️☘️

जिसकी मस्ती ज़िंदा है उसकी हस्ती ज़िंदा है
वरना यूँ समझ लो कि वह ज़बरदस्ती ज़िंदा है..

उनके लिये सवेरे नही होते जो जिन्दगी मे
कुछ भी पाने की उम्मीद छोड चुके है,
उजाला तो उनका होता हे जो बार बार
हारने के बाद भी कुछ पाने की उम्मीद रखते है……!!

सफ़र में मुश्किलें आएँ तो… जुर्रत और बढ़ती है,
कोई जब रास्ता रोके तो…हिम्मत और बढ़ती है…🙋

उम्मीदों से बंधा…
एक जिद्दी परिंदा है इंसान…
जो घायल भी उम्मीदों से है और…
जिंदा भी उम्मीदों पर हैं…!!

शुक्र है कि मौत
सबको आती है
वरना अमीर तो इस बात का
भी मजाक उडाते कि
गरीब था इसलिए मर गया !!!!!

जैसे तैसे गुजरने वाली को
उम्र कहते हैं
ज़िन्दगी नही साहेब।

‘फोन’.. जब तक ..’वायर’ से ‘बंधा’ था
“इंसान आजाद था” ,
जब से फोन ‘आजाद’ हुआ है
‘इंसान’ फोन से ‘बंध’ गया है….
‘उँगलियाँ’ ही …‘निभा’ रही हैं… ‘रिश्ते’ आजकल
‘ज़ुबाँ’ से निभाने का …‘वक्त’ कहाँ है….
सब …‘टच’… में …‘बिजी’ है
पर …..’टच’ में ……..कोई नही है …!
🙏🏻 🌷🌷 🙏🏻
🌺नमस्कार 🌺

रिश्ता भले ही कोई भी हो, मजबूर नहीं मजबूत होना चाहिए

मुझको गिरते हुए पत्तों ने यह समझाया है
कि….
बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देते हैं…!

हारना तब जरूरी हो जाता है, जब लड़ाई अपनों से हो,
और जितना तब जरूरी हो जाता है, जब लड़ाई अपने आप से हो

कोशिश तो अंतिम क्षण तक करनी चाहिए, सफलता मिले या तजुर्बा, दोनों ही चीजें नायाब है ।

बोलने से पहले शब्द मनुष्य के वश में होते है,
किंतु बोलने के बाद मनुष्य शब्दों के वश में हो जाता है ।

इंसान के भीतर जो छलके वो स्वाभिमान है,
और बाहर जो छलके वो अभिमान है…

किताबें ही ईमानदार हैं इस दुनिया में, अपनी जुबान कभी नहीं बदलती।